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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2723
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।

अथवा
शक और सातवाहन संघर्ष पर विस्तृत विवेचन कीजिए। 

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. शक - सातवाहन संघर्ष का ब्योरा दीजिए।
2. शक सातवाहन आक्रमण का वर्णन कीजिए।
3. शक- सातवाहन के युद्ध-क्रम को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

शक सातवाहन संघर्ष

सातवाहन नरेश शातकर्णि प्रथम की मृत्यु के बाद सातवाहनों का इतिहास अन्धकारपूर्ण हो गया। लगभग 17 ई.पू. से 106 ईस्वी तक का काल सातवाहनों के ह्रास एवं पतन का काल है। इसी बीच दक्षिण में शकों के आक्रमण हुए तथा सातवहानों को शकों के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। सातवाहन साम्राज्य के पश्चिमी तथा उत्तरी प्रदेशों पर शकों ने अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। यहीं से शक- सातवाहन संघर्ष का इतिहास प्रारम्भ होता है।

दक्षिणी-पश्चिमी भारत पर संप्रभुता स्थापित करने के उद्देश्य से शक सातवाहनों के बीच यह संघर्ष चार चरणों में हुआ - 

प्रथम चरण -  दुर्बल सातवाहन शासकों के समय जब शक पश्चिम से आकर सातवाहनों के भू-भाग में प्रवेश करने लगे तब यहीं से सम्प्रभुता के लिये शक सातवाहन संघर्ष का प्रथम चरण प्रारम्भ हुआ जो सातवाहन वंश के अन्तिम शासक यज्ञश्री शातकर्णि के समय तक चलता रहा। शक ईरान की ओर से आकर, सिन्धु घाटी को केन्द्र बनाकर दक्षिण-पश्चिम को आक्रान्त करने लगे। पेरीप्लस के लेखक के अनुसार गुजरात, काठियावाड़ राजपूताना तथा भड़ौच पर मेम्बेरस नामक (शक) राजा ने अधिकार कर लिया था तथा कल्याण से आने वाले जहाजों को वह बेरीगाजा (भड़ौच) ले जाता था। इस प्रकार उसने सातवाहनों से उत्तरी प्रदेशों को छीनकर उनके व्यापार को हानि पहुँचाई थी।

मेम्बेरस के बाद पश्चिमी भारत में शकों के एक दूसरे वंश का राज्य स्थापित हुआ जिसे 'क्षहरात' नाम से जाना जाता है। इस वंश का प्रथम शासक भूमक था। उसके सिक्के मालवा, गुजरात, काठियावाड़ के तटीय प्रदेश तथा राजपूताना के अजमेर क्षेत्र से प्राप्त हुए हैं जो इन प्रदेशों पर उसका अधीकार सिद्ध करते हैं। भूमक के पश्चात् नहपान इस वंश का दूसरा राजा था। तत्कालीन सिक्कों तथा अभिलेखों से इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि महाराष्ट्र, उत्तरी कोंकण, राजपूताना तथा मध्य प्रदेश पर जहाँ सातवाहन शासन था, वहाँ नहपान का अधिकार हो गया था। इसी समय सातवाहन शासक गौतमीपुत्र के आगमन से इस वंश की शक्ति को पुनः संगठित होने का अवसर प्राप्त हुआ।

द्वितीय चरण - दूसरे क्रम का संघर्ष गौतमीपुत्र शातकर्णि और क्षत्रप नहपान के बीच हुआ था। नासिक प्रशस्ति से ज्ञात होता है कि अपने राज्यारोहण के अठारहवें वर्ष गौतमीपुत्र ने व्यापक सैनिक तैयारियों के साथ क्षहरातों के राज्य पर आक्रमण कर दिया। युद्ध में नहपान तथा उसका दामाद ऋषभदत्त मार डाले गये। गौतमीपुत्र ने उत्तरी कोंकण, नर्मदा घाटी, सुराष्ट्र, कुक्कुर ( पश्चिमी राजपूताना ), पूर्वी-पश्चिमी मालवा के प्रदेशों पर अधिकार कर लिया।

गौतमीपुत्र की नहपान के विरुद्ध इस विजय की पुष्टि नासिक जिले के जोगलथम्बी में मिले सिक्कों के ढेर से भी हो जाती है। यहाँ नहपान के ऐसे बहुत से चाँदी के सिक्के प्राप्त हुए हैं जो गौतमीपुत्र द्वारा पुनअंकित किये गये थे। ऐसा अनुमान है कि जोगलथम्बी में क्षहरात नरेश नहपान का राजकीय कोषागार था। गौतमीपुत्र ने उसे पराजित कर उसके कोषागार पर अधिकार कर लिया। यह शकों के विरुद्ध सातवाहनों की प्रथम उल्लेखनीय सफलता थी।

तृतीय चरण - रुद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख से ज्ञात होता है कि यह संघर्ष क्षत्रप रुद्रदामन तथा वशिष्ठीपुत्र पुलुमावी के बीच गौतमीपुत्र शातकर्णि के अन्तिम काल में हुआ था। कार्दमक शकों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण सफलता चष्टन के पौत्र रुद्रदामन के समय में मिली। जूनागढ़ अभिलेख के अनुसार, आकर अवन्ति (पूर्वी-पश्चिमी मालवा), अनूप ( नर्मदा घाटी), सुराष्ट्र, कुक्कुर (पश्चिमी राजपूताना ) तथा अपरान्त (उत्तरी कोंकण) के प्रदेशों पर रुद्रदामन का अधिकार था। गौतमीपुत्र की नासिक प्रशस्ति से इन्हीं प्रदेशों पर सातवाहनों का भी अधिकार सूचित होता है। अतः स्पष्ट है कि रुद्रदामन ने इन प्रदेशों को गौतमीपुत्र के उत्तराधिकारी शासक पुलुमावी से जीता होगा।

चतुर्थ चरण - शक सातवाहन संघर्ष का अन्तिम चरण सातवाहन नरेश यज्ञश्री शातकर्णि (174- 203 ई.) के समय प्रारम्भ हुआ। उसने शकों से अपना खोया हुआ राज्य प्राप्त करने के लिये उनके विरुद्ध अभियान छेड़ दिया। उसके शासनकाल के सोलहवें वर्ष का एक लेख अपरान्त (उत्तरी कोंकण ) से मिलता है जो इस बात का प्रमाण है कि उसने अपरान्त को पुनः जीत लिया था। सोपरा से मिले उसके कुछ सिक्के रुद्रदामन के चाँदी के सिक्कों के अनुकरण पर ढलवाये गये हैं। उसके सिक्कों का विस्तार गुजरात, काठियावाड़, मालवा, मध्य प्रदेश तथा आन्ध्र प्रदेश तक है। इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि उसने शकों को परास्त कर अपरान्त, पश्चिमी भारत का कुछ भाग तथा अनूप (नर्मदा घाटी) को फिर से जीत लिया था। इस प्रकार गौतमीपुत्र की पराजय का बदला उसने चुका लिया और इसके साथ ही शक सातवाहन संघर्ष का अन्त हुआ।

इसके बाद शक तथा सातवाहन दोनों ही वंश अपनी-अपनी आन्तरिक समस्याओं में व्यस्त हो गये जिसके फलस्वरूप उनकी पारस्परिक शत्रुता का स्वाभाविक रूप से अन्त हो गया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  5. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  6. प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  8. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  14. प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
  20. प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
  22. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
  23. उत्तरमाला
  24. प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
  26. प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  27. प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
  28. प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
  33. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
  36. उत्तरमाला
  37. प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
  38. प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
  41. प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
  43. उत्तरमाला
  44. प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
  46. प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
  47. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- नहपान कौन था?
  50. प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
  51. प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
  53. उत्तरमाला
  54. प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
  57. उत्तरमाला
  58. प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
  59. प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
  60. प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
  62. प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
  64. प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
  65. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
  66. उत्तरमाला
  67. प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
  70. प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
  71. प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  72. प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
  76. प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
  77. प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
  83. प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
  86. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
  88. उत्तरमाला
  89. प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
  91. उत्तरमाला
  92. प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  93. प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
  96. उत्तरमाला
  97. प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
  99. प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
  102. प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
  103. प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
  104. प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
  105. प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
  106. प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  108. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
  109. उत्तरमाला
  110. प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
  111. प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  112. प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
  113. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
  114. उत्तरमाला
  115. प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
  116. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
  120. उत्तरमाला

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